AEAWA group is a top NGO in c.g working since last 5 year,Work for change society.NGO is placed at Raipur,Work for child and women development

Friday 30 January 2015

सुलेख प्रतियोगिता बलौदाबाजार

दिनाक 17-01-2015 शा. प्रा. शाला मलपुरी में राष्ट्रीय युवा दिवस सप्ताह के उपलक्ष्य में आशीर्वाद एजुकेशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन बलौदाबाजार के  प्रभारी श्री केयूर भूषण वर्मा के द्वारा छात्र छात्राओ के बीच सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन  किया गया | 
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ स्कूल विकासः समिति के अध्यक्ष श्री राम रतन निषाद द्वारा स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर माला अर्पित करके किया गयाइसके बाद सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया  !



कुछ देर बाद ही स्कूल की टीचर श्री मति फरमिला ध्रुव ने स्वामी विवेकानंद के बचपन को छात्र  एवं आदृणीय नागरिको के बीच प्रकाश डाला !उन्होंने ने ये भी  बताया कैसे स्वामी विवेकानंद इतने मेघावी और प्रचलित ( लोकप्रिय ) हुए , साथ  ही  उन्होंने   छात्रों को यह भी सन्देश दिया की हमे काम के प्रति हरदम तत्पर रहना चाहिए !
इसके पश्यात सुलेख प्रतियोगिता का परिणाम शाला के शिक्षक  श्री चेतराम साहू द्वारा घोषित किया गया । जिसमे प्रथम सुलोचना निषाद, द्वितीय आरती साहू तथा तृतीया सुलोचना निषाद रही |


इस मौके पर विद्यालय के मानसेवी शिक्षिका कु. लता ध्रुव , कु. नीतू कमल , कु. उमा ध्रुव तथा गाँव के गणमान्य  नागरिक श्री खेदरम ध्रुव ,नकुलदास मानिकपुरी आदि उपास्थित  थे |

Friday 2 January 2015

Happy new year to all.

Ashirwad Education & Welfare Association ke sabhi members ki taraf se new year ki hardik shubhkaamnae.

Message : -
हर वर्ष जो बीता जाता है कुछ यादें छोड़े जाता है कुछ सपने पूरे करता है कुछ सपने तोड़े जाता है हासिल पे अपने गर्व करो, शिद्दत से हर ख़ुशी मनाओ जिन लक्ष्यों को पर चूके हो नए जोश से धुनि रमाओ कुछ लम्हें होंगे ऐसे की आँखे अब तक मुस्काती है,ऐसा भी वक़्त आया होगा जब धड़कन बैठी जाती है जिनसे प्रेम है अतुलित तुमको मन के भाव उन्हें जतलाओ जिनकी आंखो में क्रोध है पाया कोशिश करो और उन्हें मनाओ अपने दिल में महफूज़ करो संजो कर उन यादों को नयी उमंग से पूरे करना सारे पिछले छूटे वादों को फिर मौका है फिर बाजी है इस बार दिखा दो प्यादों को तुम शतरंज के वो मोहरे हो जो सुनता है फरियादों को करना हो तो कर्म करो की मंजिल तक इक धार बने कर्म की नैया ऐसी खेना भाग्य स्वयं पतवार बने एक नया मौका है पाया इस बार इसे तुम मत खोना कुछ छाँव मिले कुछ फल मीठे ,बीज वही तुम अब बोना !

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